खून खौल उठता है मेरा, आँख से आंसू बहते है एक बच्ची की स्मिता लुटी है, कैसे हम सब चुप बैठे है? ... खून खौल उठता है मेरा, आँख से आंसू बहते है एक बच्ची की स्मिता लुटी है, कैसे हम स...
बहुत गुरूर है तुझे तेरी मर्दानगी पे, तो ले आ छूले मुझे! , बहुत गुरूर है तुझे तेरी मर्दानगी पे, तो ले आ छूले मुझे! ,
जुर्म है ये आशिकी और इश्क भी फ़रेब है। जुर्म है ये आशिकी और इश्क भी फ़रेब है।
मगर साथ में देखने वाला उसको खुद का साया भी न होगा। मगर साथ में देखने वाला उसको खुद का साया भी न होगा।
मोहब्बत वो नही जो जिस्म से शुरु हो मोहब्बत वो नही जो जिस्म से शुरु हो
कुछ का तो इरादा ही इतना था साथ निभाने का वादा ही सिर्फ इतना था कुछ का तो इरादा ही इतना था साथ निभाने का वादा ही सिर्फ इतना था